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भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मुरली मनोहर जोशी से कहा है कि वे आगामी आम चुनाव ना लड़ें. पार्टी का ये कदम, उम्रदराज हो चुके अपने कई नेताओं को चुनाव में कैंडिडेट ना बनाने के पार्टी के फैसले की ही एक कड़ी है. इस फैसले के तहत बीजेपी के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को भी पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के कार्यालय ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है. कार्यालय के अनुसार, जोशी ने कानपुर के वोटरों के लिए एक संक्षिप्त बयान जारी किया है. 85 साल के जोशी ने 2014 में कानपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव जीता था. बयान में कहा गया है कि बीजेपी महासचिव (संगठन) राम लाल ने जोशी को पार्टी नेतृत्व के इस निर्णय से अवगत कराया कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. जोशी ने 2009 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था लेकिन 2014 में उन्होंने यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खाली कर दी थी. हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी की प्रतिक्रिया अभी पता नहीं चल पाई है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी (91 साल) के साथ जोशी दो दशक से अधिक समय तक बीजेपी के चेहरे के तौर जाने जाते थे. संसद की एस्टीमेट कमिटी के अध्यक्ष जोशी के विभिन्न मुद्दों जैसे रोजगार, जीडीपी और नॉन-एक्जीक्यूटेड असेट्स (एनपीए) आदि पर निष्कर्षों से सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी ने यह ‘सैद्धांतिक निर्णय’ किया है कि बुजुर्ग नेताओं को युवा नेताओं के लिए रास्ता बनाना चाहिए. इस बार पार्टी ने आडवाणी सहित 80 साल से अधिक उम्र के अपने नेताओं बी सी खंडूरी, करिया मुंडा, कलराज मिश्रा और विजय चक्रवर्ती वगैरह को टिकट नहीं दिया है.

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बीजेपी ने राहुल गांधी के न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना की जम कर आलोचना की है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वो राजनीति का व्यवसाय कर रही है. जेटली के मुताबिक कांग्रेस ने 7 दशकों से देश को धोखा दिया है. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा वादा किया है. उन्होंने ऐलान किया कि अगर 2019 के चुनाव के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो 20% सबसे गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रुपये मिलेंगे. इस स्कीम से 25 करोड़ लोगों को सीधे फायदा होगा. राहुल ने कहा कि ये पैसे न्यूनतम आमदनी गारंटी के तहत दिए जाएंगे. जेटली ने इस स्कीम पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस आज जो वादा कर रही है वो पीएम मोदी पहले ही गरीबों को दे चुके हैं. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस का इतिहास गरीबी और गरीबी हटाने के नाम पर व्यवसाय का रहा है गरीबी हटाने का नहीं रहा. गरीबी हटाने के लिए कोई साधन नहीं दिए. साल 1971 में इंदिरा का तो मुख्य नारा था गरीबी हटाओ लेकिन हुआ कुछ नहीं, उनकी नीति ही नहीं थी जॉब पैदा करने की. उस कार्यकाल में सिर्फ गरीबी का वितरण हुआ था. जेटली ने राहुल की इस योजना को खोखला बताते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में केंद्र सरकार ने डीबीटी के माध्यम लोगों को सीधे फायदा पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा किये गये ऐलान से 1.5 गुना ज्यादा हम पहले से डीबीटी के माध्यम से गरीबों को दे रहे हैं. जेटलाी ने कहा, '10 वर्ष के UPA के कार्यकाल में भी कैसे छल कपट होता था सबने देखा. लोन वेवर सबने देखा, एक बार 70 हज़ार करोड़ और दिया कितना 52 हज़ार करोड़ और CAG ने कहा बड़ा हिस्सा दिल्ली के व्यापारियों को. मनरेगा में भी यही हुआ. चुनाव जीतने के लिए धोखा देना कांग्रेस का इतिहास रहा है.'

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि आगामी लोकसभा चुनाव में VVPAT मशीनों की संख्या बढ़ाई जाए. कोर्ट ने कहा कि यह मतदाताओं की संतुष्टि का प्रश्न है और इसे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. CJI रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा, 'कोई भी संस्था, चाहे वह न्यायपालिका ही क्यों न हो, खुद को सुधार से अलग नहीं रख सकती है.' बेंच ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है कि वह VVPAT मशीनों की संख्या बढ़ा सकता है या नहीं. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों के 21 नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में VVPAT मशीनों से निकलने वाली कम से कम 50 प्रतिशत पर्चियों को चेक किया जाए. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने चुनाव आयोग से कहा कि वह शपथपत्र दायर कर कारण बताए कि वह चुनावों की पारदर्शिता को लेकर इतनी आश्वस्त क्यों है. बेंच ने कहा, 'चुनाव आयोग पूरी तरह आश्वस्त है कि चुनाव की पवित्रता को पूरी तरह सुनिश्चित किया जा सकता है. चुनाव आयोग को अपनी संतुष्टि की वजह शपथपत्र में बतानी होगी.' बेंच ने आगे कहा, "चुनाव आयोग को यह भी बताना होगा कि क्या सैंपल सर्वे को बड़े स्तर पर किया जा सकता है.' शपथपत्र दायर करने के लिए कोर्ट ने चुनाव आयोग को 28 मार्च शाम चार बजे तक का वक्त दिया है. मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी.

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कर्ज निपटारे की दिक्कतों से जूझ रही जेट एयरवेज (Jet Airways) के बोर्ड से एयरलाइन के फाउंडर और प्रमोटर नरेश गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. कंपनी ने BSE को नरेश गोयल के इस्तीफे की औपचारिक तौर पर जानकारी दे दी है. आज जेट के बोर्ड की अहम बैठक थी जहां ये खबर निकल कर आई है. खबरें हैं कि अनीता गोयल ने भी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही लेनदारों के रेजॉल्यूशन प्लान को भी बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. यानी लेनदार अब जेट एयरवेज में करीब 1500 करोड़ रुपए की पूंजी डालेंगे. जेट एयरवेज के लेंडर्स के कर्ज को 11.4 करोड़ इक्विटी शेयरों में बदला जाएगा. एतिहाद के एक नॉमिनी डायरेक्टर ने भी इस्तीफा दे दिया है. कंपनी के डेली ऑपरेशन को देखने के लिए एक अंतरिम मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई है. कर्जदार कंपनी के शेयरों को निवेशकों को बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगी. ये प्रक्रिया जून तिमाही में खत्म होगी. जेट एयरवेज पर 8 हजार करोड़ कर्ज फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है. इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं. पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं. अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा. एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है. जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे. 1974 में शुरू की थी जेट एयरवेज जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने बेहद कठिन परिस्थिति में अपनी मां के जेवर बेचकर ट्रैवल एजेंसी शुरू की थी. नरेश गोयल ने 1967 में अपनी मां के एक चाचा की एजेंसी में कैशियर के रूप में काम शुरू किया था. तब उन्हें 300 रुपए सैलरी मिलती थी. यहां काम करते हुए रॉयल जॉर्डन एयरलाइंस जैसे कई बड़ी कंपनियों में काम करने का मौका मिला. 1974 को उन्होंने अपनी ट्रैवल एजेंसी शुरू की और उसका नाम जेट एयरवेज रखा. ट्रैवल एजेंसी शुरू करने के लिए नहीं थे पैसे ट्रैवल एजेंसी शुरू करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. उन्होंने अपनी मां से बात की. मां ने अपने जेवर देकर कहा, इन्हें बेच दो. जेवर बेचने से उन्हें करीब 15 हजार रुपए मिले. उन्होंने 10 हजार रुपए से जेट एयर शुरू की. साल 1991 के बाद जेट एयरवेज के लिए रास्ता खुलना शुरू हुआ. जब भारत सरकार ने ओपन स्काई पॉलिसी को हरी झंडी दी और नरेश गोयल ने इस मौके का फायदा उठाया और डोमेस्टिक ऑपरेशन के लिए 1993 में जेट एयरवेज की शुरुआत की. कंपनी लगातार अपने काम को बढ़ाती रही और एक वक्त पर जब कंपनी अपने शीर्ष पर थी तब नरेश गोयल देश के 20 सबसे अमीर शख्सियत में शुमार हुआ करते थे. 25 साल बाद देश की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज की कमान इसके फाउंडर नरेश गोयल के हाथों से निकल गई है. जेट पर बैंकों का 8,200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा वादा किया है. सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने ऐलान किया कि अगर 2019 के चुनाव के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो देश के 20% सबसे गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रुपए मिलेंगे. इस स्कीम से 25 करोड़ लोगों को सीधे फायदा होगा. राहुल ने कहा कि ये पैसे न्यूनतम आमदनी गारंटी के तहत दिए जाएंगे. आइए जानते हैं राहुल गांधी ने और क्या-क्या कहा- -राहुल गांधी ने कहा, 'पिछले पांच साल में हिंदुस्तान ने काफी मुश्किलें सहीं. हम अब गरीबों को न्याय देने जा रहे हैं. मिनिमम इनकम स्कीम की डिटेल्स गर्व के साथ साझा करना चाहता हूं.' -उन्होंने कहा, ' मोदी सरकार ने 5 साल तक गरीबों को बस छला है. हम हिन्दुस्तान से गरीबी को मिटा देंगे. कांग्रेस देश के गरीबों को न्याय दिलाएगी.' -राहुल गांधी ने कहा, 'हिंदुस्तान की गरीबी पर हमने फाइनल वार किया है. अगर सरकार अमीरों को पैसा दे सकती है, तो फिर कांग्रेस गरीबों को भी पैसा दे सकती है.' Today is a historic day.. It is on this day that the Congress party launched its final assault on poverty. 5 Crore of the poorest families in India, will receive Rs. 72,000 Per Year#NyayForIndia is our dream & our pledge. The time for change has come. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 25, 2019 -उन्होंने कहा, 'याद रखिए मैंने 10 दिन में कर्जा माफ का वादा किया था और पूरा किया. अब कहता हूं कि अगर चुनाव बाद हमारी सरकार बनी तो 20% सबसे गरीब परिवारों को साल के 72 हजार रुपए मिलेंगे. सारी कैलकुलेशन हो गई है. इसके लिए लगने वाले पैसे का भी हमने हिसाब कर लिया है.' -राहुल गांधी ने कहा, 'आप लोग हैरान लग रहे हो आज, शॉक लग रहे हो कि कैसे होगा? मैं आपको याद करना चाहता हूं कि इस देश में हर रोज आपसे चोरी हो रही है. किसानों को 3 रुपए हर रोज देने का वादा नरेंद्र मोदी सरकार ने किया और ताली बजी. हम आपको न्याय देने जा रहे हैं. नंबर याद रखिए. 20% गरीब परिवारों को 72 हजार रुपए सालाना देने जा रहे हैं. 5 करोड़ फैमिली 25 करोड़ आबादी को डायरेक्ट स्कीम का फायदा मिलेगा.' -उन्होंने बताया, ये पैसा मिनिमम इनकम गारंटी के तहत मिलेगा. दुनिया के बेहतर इकोनॉमिस्ट से हमने इस पर चर्चा की है. चिदंबरम जी और हमारी जो टीम इस पर काम कर रही है वह आपसे पूरी डिटेल साझा करेगी. यह आर्थिक तौर पर पूरी तरह से संभव है'. -राहुल गांधी ने कहा, 'आप पूछते हैं कि मिनिमम इनकम गारंटी की लाइन क्या होगी, तो मैं बता दूं कि वो लाइन 6 हजार प्रति महीना है.' 5 crore families, that is, approximately 25 crore people will benefit from Minimum Income Guarantee scheme: Congress President @RahulGandhi #RahulForBehtarBharat pic.twitter.com/jInDgUXu5I — Congress (@INCIndia) March 25, 2019 -कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा हमारा पहला फेज था, जिसमें हमने गरीबों की मदद के लिए न्यूनतम आय की गारंटी दी. यह योजना का मनरेगा जैसा ही दूसरा फेज होगा, जिसमें 25 करोड़ गरीब लोगों को सीधा फायदा मिलेगा. इसके साथ ही राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश में दो हिन्दुस्तान बना रहे हैं, एक अनिल अंबानी जैसा और दूसरा गरीबों का. हम देश को नया हिन्दुस्तान बनाएंगे जिसमें अमीर और गरीब दोनों की इज्जत होगी. राहुल गांधी ने यहां तक कहा, 'मैं इस देश में कोई महात्मा नहीं बनना चाहता, मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि इस देश में गरीबों को भी महसूस हो कि उनकी इज्जत हो रही है.' (साभार: न्यूज-18)

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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट एक बार फिर से तेज हो गई है. कांग्रेस ने दिल्ली में सोमवार को एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर अंतिम फैसला लिया जाना है. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के आवास पर हो रही इस बैठक में कांग्रेस के कई नेताओं ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन का विरोध किया है. सूत्रों का ये भी कहना है कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन होगा या नहीं, राहुल गांधी शाम तक इसपर अंतिम फैसला लेंगे. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. हालांकि, आम आदमी पार्टी दिल्ली की सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है और चुनाव अभियान भी शुरू कर दिया है. Delhi: Congress President Rahul Gandhi chairs Congress Working Committee (CWC) meeting at party headquarters pic.twitter.com/svZC3f3Usg — ANI (@ANI) March 25, 2019 दिलचस्प यह है कि अरविंद केजरीवाल कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि वह गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा इससे इनकार किया है. दोनों ही दलों के कुछ वरिष्ठ नेता पर्दे के पीछे अभी भी बातचीत में जुटे हैं. कांग्रेस महासचिव और दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि राहुल गांधी AAP से गठबंधन होगा या नहीं, शाम को इसका फैसला कर सकते हैं. वहीं, सूत्रों का कहना है कि शनिवार को चाको गठबंधन के फायदे और नुकसान पर चर्चा के लिए राहुल गांधी से मिले थे. चाको इसके पहले भी कह चुके हैं कि दिल्ली में AAP से हाथ मिलाना कांग्रेस पार्टी के लिए फायदेमंद रहेगा. (साभार: न्यूज-18)

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चुनावी माहौल में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने एक राजनीतिक बयान दिया है. उनके इस बयान पर आने वाले समय में विवाद गहरा सकता है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कल्याण सिंह ने कहा था, 'हम सभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता हैं. हम सभी बीजेपी की जीत चाहते हैं. हम सभी चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनें. यह हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है. Rajasthan Governor Kalyan Singh in Aligarh, UP on 23rd March: We all are BJP workers and we want the BJP to emerge victorious. We want that once again Modi ji should become the PM. It is important for the country. pic.twitter.com/sJEzLqGIO2 — ANI (@ANI) March 25, 2019 दरअसल बीजेपी ने अलीगढ़ से मौजूदा सांसद सतीश गौतम को चुनाव में फिर टिकट दिया है. इससे बीजेपी कार्यकर्ता काफी नाराज हैं. शनिवार को जब कल्याण सिंह अलीगढ़ के दौरे पर थे तो उनकी मौजूदगी में कार्यकर्ताओं ने सतीश गौतम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसपर गर्वनर कल्याण सिंह ने उन्हें समझाने-बुझाने वाले अंदाज में कहा कि पार्टी ने जो निर्णय कर दिया है, उसका उन्हें सम्मान करना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए. कल्याण सिंह ने कहा कि हम सभी लोग बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. इसलिए हम जरूर चाहेंगे कि बीजेपी विजयी हो और केंद्र में फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें. बता दें कि कल्याण सिंह पूर्व में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. मगर 2014 में उन्हें केंद्र सरकार ने राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया था. राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है. वो किसी पार्टी या संगठन का नहीं होता है. ऐसे में राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर रहते हुए कल्याण सिंह का सार्वजनिक रूप से खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता बताना और पार्टी की जीत की बात कहना कहां तक उचित है.

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लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ ही राजनीतिक दल चुनाव में जीत की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इन सबके बीच उत्‍तर प्रदेश की प्रतिष्‍ठित सीटों में से एक लखनऊ पर सभी पार्टियों की नजर टिकी हुई हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस अपना परचम लहराना चाहती है. 1991 के बाद से लखनऊ भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन चुका है. हालांकि इस बार के लोकसभा चुनव में बीजेपी की राह आसान नहीं दिख रही हैं. कांग्रेस ने लखनऊ से पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है. सूत्रों का कहना है कि पूर्वी उत्‍तर प्रदेश की प्रभारी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, धौरहरा से जितिन प्रसाद को टिकट देने की तैयारी कर रही हैं. चुनावी रणनीतिकारों के मुताबिक जितिन को अगर लखनऊ के धौरहरा से चुनावी मैदान में उतारा जाए तो समीकरण काफी हद तक बदल सकते हैं. यह भी पढ़ें- Loksabha Election 2019: CPI की टिकट पर बेगूसराय से चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार, तैयारी जोरो पर जितिन प्रसाद एक ब्राह्मण हैं और शाहजहांपुर के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता, स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद, कांग्रेस के दिग्गज नेता थे. जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता. 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने नवगठित धौरहरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और वहां भी जीत दर्ज की. हालांकि साल 2014 में उनका जादू नहीं चल सका और वह बीजेपी उम्मीदवार से हार गए. 80 लोकसभा सीटों वाले उत्‍तर प्रदेश में धौरहरा निर्वाचन क्षेत्र में सातवें चरण में चुनाव होना है. लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस बहुत जल्‍द जितिन प्रसाद के नाम का ऐलान कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी, जितिन प्रसाद के नाम पर पहले ही मुहर लगा चुकी हैं. News18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जितिन प्रसाद पार्टी आलाकमान के फैसले के साथ जाएंगे. यह देखा जाना बाकी है कि कांग्रेस आखिर जितिन प्रसाद को धौरहरा से ही चुनाव क्‍यों लड़ाना चाहती है. इसका सबसे बड़ा कारण जो सामने दिखाई दे रहा है वह है मतदाताओं की संख्‍या का समीकरण. धौरहरा निर्वाचन क्षेत्र में किसी ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारकर उनका वोट हासिल किया जा सकता है. कांग्रेस इस कदम से पार्टी के भीतर ब्राह्मण नेतृत्व को बढ़ावा देने और उच्च जाति के वोट-बैंक को आकर्षित करने की कोशिश करने का संदेश देना चाहती है. लखनऊ संसदीय क्षेत्र में लगभग 19 लाख मतदाता हैं. इसमें सवर्णों का 33% वोट शेयर है, जिसमें अकेले ब्राह्मणों का 14.5% वोट है. अन्य पिछड़ी जातियां लगभग 19% जनसंख्या, मुस्लिम 17%, अनुसूचित जाति 13% और सबसे पिछड़ी जातियां लगभग 10% हैं. यह भी पढ़ें- Loksabha Election 2019: एसपी की 40 स्टार कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी, मुलायम सिंह का नाम नहीं सूत्रों का कहना है कि उत्‍तर प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी को हराना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा. यही कारण है कि एसपी-बीएसपी गठबंधन के बीच कांग्रेस ऐसे उम्‍मीदवार को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है जो बीजेपी को परेशान कर सके. पार्टी का मानना है कि हो सकता है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में उसे उतना फायदा न भी मिले लेकिन आगे आने वाले समय में ब्राह्मण कार्ड उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. (साभार: न्यूज-18)

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और युवा छात्र नेता कन्हैया कुमार 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय सीट से सीपीआई की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. न्यूज 18 की खबर के अनुसार सीपीआई की बिहार इकाई के सचिव सत्यनारायण सिंह और युवा नेता और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने बताया कि हर हाल में कन्हैया चुनाव लड़ेगा. इसकी तैयारी जोरों पर है. अब अगली तैयारी के तहत लोकसभा क्षेत्र के पंचायत स्तर पर कन्हैया का दौरा होगा. आपको बता दें कि कन्हैया कुमार को भले ही महागंठबंधन ने बेगूसराय सीट पर समर्थन न दिया हो लेकिन सीपीआई ने बेगूसराय से कन्हैया के चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है. यही वजह है कि कन्हैया प्रचार मामले में अब तक दो राउंड का प्रचार कर चुके हैं. वहीं, कन्हैया कुमार की दावेदारी के बाद अब बेगूसराय लोकसभा सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है क्योंकि यहां अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. एक ओर जहां केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह होंगे तो दूसरी ओर मोदी लहर में भी अपनी छाप छोड़ने वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तनवीर हसन और जेएनयू के छात्र नेता रह चुके कन्हैया कुमार होंगे.

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2019 लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के बाद अब समाजवादी पार्टी (एसपी) ने भी स्टार चुनाव प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कुल 40 स्टार प्रचारक हैं लेकिन हैरानी का बात यह है कि इस सूची में एसपी संरक्षक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का नाम नदारद है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. एसपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खां रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे. Akhilesh Yadav to contest from Azamgarh, Azam Khan to contest from Rampur #SamajwadiParty #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/X7KzUNv1oc — ANI UP (@ANINewsUP) March 24, 2019 Samajwadi Party releases its list of star campaigners; Akhilesh Yadav, Ram Gopal Yadav, Azam Khan, Dimple Yadav and Jaya Bachchan included in the list; Mulayam Singh Yadav's name not there. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/QUZYpoC6ce — ANI UP (@ANINewsUP) March 24, 2019 एसपी ने राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां, जया बच्चन, डिम्पल यादव, अहमद हसन, जावेद अली खां, विशम्भर प्रसाद निषाद, सुरेंद्र नागर, तेज प्रताप यादव, नरेश उत्तम पटेल, मौलाना यासीन अली उस्मानी, मनोज पारस, महबूब अली और शाहिद मंजूर को भी लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया है. एसपी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी भी इस स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में शामिल हैं. आपको बता दें कि इससे पहले बीएसपी ने 20 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी जिसमें मायावती के भतीजे आकाश का नाम भी शामिल है. लिस्ट में पहले नंबर पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती जबकि दूसरे नंबर पर सतीश चंद्र मिश्रा का नाम है. आकाश आनंद कुछ दिनों पहले ही विदेश से पढ़ाई करके लौटे हैं और मायावती के साथ जुड़कर राजनीति के गुर सीख रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बीते शनिवार ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा. स्मृति ईरानी ने लिखा- अमेठी के लोगों ने राहुल गांधी को बाहर कर दिया है इसलिए अब ऐसा माहौल बनाया जा रहा है ताकि यह लगे कि दूसरे राज्यों के लोग उन्हें चाहते हैं.  न्यूज 18 की खबर के अनुसार ईरानी के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस और बीजेपी समर्थक आपस में भिड़ गए हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी के अलावा कई दूसरे राज्यों से चुनाव लड़ने का ऑफर मिल रहा है. स्मृति ईरानी ने इसी को लेकर ट्वीट किया है. स्मृति ने लिखा, अमेठी ने भगाया, जगह-जगह से बुलावे का स्वांग रचाया, क्योंकि जनता ने ठुकराया. #BhaagRahulBhaag सिंहासन खाली करो राहुल जी कि जनता आती है. अमेठी ने भगाया, जगह-जगह से बुलावे का स्वांग रचाया, क्योंकि जनता ने ठुकराया। #BhaagRahulBhaag सिंहासन खाली करो राहुल जी कि जनता आती है pic.twitter.com/oVEox3YyHh — Chowkidar Smriti Z Irani (@smritiirani) March 23, 2019 इस बीच कांग्रेस ने भी स्मृति पर पलटवार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'चांदनी चौक ने हराया, अमेठी ने हरा कर भगाया, जिसे बार-बार जनता ने ठुकराया, हर बार राज्यसभा से संसद का रास्ता पाया, अब अमेठी ने हार की हैट्रिक का मौहाल बनाया. सुरजेवाला ने स्मृति की तरह ही #BhaagSmritiBhaag भी लिखा है. आपको बता दें कि राहुल गांधी को कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर मिला है. सुरजेवाला ने ट्विटर के जरिए बताया, कांग्रेस इस आशीर्वाद और स्नेह के लिए ऋणी है. पार्टी उनकी भावनाओं का गहराई से सम्मान करती है. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी इस बाबत जल्द फैसला लेगी. चाँदनी चौक ने हराया, अमेठी ने हरा कर भगाया, जिसे बार बार जनता ने ठुकराया, हर बार राज्य सभा से संसद का रास्ता पाया, अब अमेठी ने हार की हैट्रिक का मौहाल बनाया।#BhaagSmritiBhaag https://t.co/ek5O5Xr2Rj — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 23, 2019

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बीजेपी अपने मिशन 2019 को सफल बनाने की कोशिश में पूरे जोर के साथ जुट गई है. बीजेपी आज यानी रविवार को देशभर में विजय संकल्प सभाएं करेगी, जिसके तहत 500 जगहों पर रैलियां की जाएंगी. इसके बाद फिर 26 मार्च को भी ऐसे ही विजय संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा. विजय संकल्प सभा में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के सभी शीर्ष नेता देश के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में जनता को संबोधित करेंगे. विजय संकल्प सभा के आयोजन के जरिए बीजेपी अपने चुनाव अभियान का शंखनाद भी कर रही है. अमित शाह 24 मार्च को आगरा और 26 मार्च को मुरादाबाद में विजय संकल्प सभा को संबोधित करेंगे. वहीं, गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता राजनाथ सिंह 24 मार्च को लखनऊ में और 26 मार्च को दिल्ली में विजय संकल्प सभा को सम्बोधित करेंगे. वहीं आज नागपुर में नितिन गडकरी लोगों को संबोधित करेंगे. इसके अलावा देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में होने वाली विजय संकल्प सभाओं को केंद्रीय मंत्री, बीजेपी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे. इन विजय संकल्प सभाओं के माध्यम से बीजेपी अपने 5 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के सम्मान, स्वाभिमान और तरक्की को समर्पित सरकार का लेखा-जोखा देगी.

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बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई से जुड़े अपने एक बयान को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने झूठ बोला. उन्होंने यह भी दावा किया कि सोशल मीडिया के जरिये झूठ और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. पित्रोदा ने ट्वीट कर कहा, 'मैं हैरान हूं कि मेरे एक इंटरव्यू को लेकर इस तरह प्रतिक्रिया, चर्चा और संवाद देखने को मिला. यहां तक कि भारत के प्रधानमंत्री और उनके कुछ मंत्रियों ने भी ट्वीट कर दिए. उन्होंने जो कहा है, वह झूठ है.' उन्होंने खुद के महात्मा गांधी के दर्शन में विश्वास रखने वाला होने का हवाला दिया और कहा, 'हमेशा सच की जीत होती है. आप कुछ देर के लिए कुछ लोगों को बेवकूफ बना सकते हैं, लेकिन हमेशा सभी लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते.' I am surprised and literally shocked at the nationwide response and associated discussion, debate and dialogue on my ANI interview of 22nd March 2019.#TRUTH — Sam Pitroda (@sampitroda) March 23, 2019 In the process, I learned that even the @PMOIndia Prime Minister of India felt compelled to tweet along with some of his senior ministers on my TV interview. What they have said are twisted lies.#TRUTH — Sam Pitroda (@sampitroda) March 23, 2019 #TRUTH will always prevail. You can fool some of the people sometime, but you cannot fool all the people all the time. — Sam Pitroda (@sampitroda) March 23, 2019 खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि क्या हमने सच में हमला किया था? क्या सच में 300 आतंकी मारे गए थे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर निशाना साधते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है. विवाद खड़ा होने के बाद पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक नागरिक की हैसियत से सवाल किया था. उन्होंने कहा, 'मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ. मैं पार्टी की तरफ से नहीं, सिर्फ एक नागरिक के रूप में बोल रहा हूं. मुझे यह जानने का अधिकार है कि इसमें क्या गलत है?'

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बिहार में एनडीए ने लोकसभा चुनावों के लिए 40 में से अपने 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. इसके तहत बीजेपी, जेडीयू के 17-17 और एलजेपी के 5 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है. न्यूज 18 की खबर के अनुसार एनडीए की तरफ से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल प्रमुख नामों में बीजेपी की टिकट पर बेगूसराय से गिरिराज सिंह, पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद, दरभंगा से गोपाल ठाकुर, पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव के नाम शामिल हैं. वहीं जेडीयू उम्मीदवारों में बांका से गिरधारी यादव, किशनगंज से महमूद अशरफ और कटिहार से दुलाल चंद्र गोस्वामी के नाम प्रमुख हैं जबकि लोक जनशक्ति पार्टी से हाजीपुर सीट पर पशुपति कुमार पारस और नवादा से चंदन कुमार के नाम शामिल हैं.  एनडीए उम्मीदवारों की इस लिस्ट में सबकी नजर गिरिराज सिंह, शाहनवाज हुसैन और शत्रुघ्न सिन्हा की सीट पर लगी थी. गिरिराज सिंह को पार्टी ने नवादा की जगह बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया है. वहीं पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काटते हुए रविशंकर प्रसाद को टिकट दिया गया है जबकि शाहनवाज हुसैन की भागलपुर सीट जेडीयू के खाते में चली गई है, जहां से अजयकुमार मंडल को टिकट दिया गया है. पटना के बिहार बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने तीनों दलों के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और एलजेपी प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस मौजूद रहे. पीसी में राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह भी मौजूद रहे. नवादा विधानसभा उपचुनाव के लिए जेडीयू के कौशल यादव चुनाव लड़ेंगे जबकि डेहरी में बीजेपी चुनाव लड़ेगी. इस सीट से उम्मीदवार के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेसवाद का विरोध डॉ. लोहिया के हृदय में रचा-बसा था, लेकिन डॉ. लोहिया को अपना आदर्श बताने वाले दलों ने उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है और उसी कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘आज अद्वितीय विचारक, क्रांतिकारी और अप्रतिम देशभक्त डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयंती पर सादर नमन. प्रखर बुद्धि के धनी डॉ. लोहिया में जन सरोकार की राजनीति के प्रति गहरी आस्था थी.’ उन्होंने लिखा कि दुर्भाग्य की बात है कि राजनीति में आज ऐसे घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, जिन्हें देखकर डॉ. लोहिया भी विचलित, व्यथित हो जाते. मोदी ने कहा, ‘वे दल जो डॉ. लोहिया को अपना आदर्श बताते हुए नहीं थकते, उन्होंने पूरी तरह से उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है. यहां तक कि ये दल डॉ. लोहिया को अपमानित करने का कोई भी कोई मौका नहीं छोड़ते.’ उनकी इस टिप्पणी को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ विपक्षी दलों के महागठबंधन के प्रयासों के संदर्भ में देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘डॉ. लोहिया जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के बीच बराबरी के पक्षधर रहे. लेकिन, वोट बैंक की राजनीति में आकंठ डूबी पार्टियों का आचरण इससे अलग रहा. यही वजह है कि तथाकथित लोहियावादी पार्टियों ने तीन तलाक की अमानवीय प्रथा को खत्म करने के एनडीए सरकार के प्रयास का विरोध किया.’ विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मोदी ने पूछा कि इन पार्टियों को यह साफ करना चाहिए कि इनके लिए डॉ. लोहिया के विचार और आदर्श बडे़ हैं या फिर वोट बैंक की राजनीति? उन्होंने कहा, ‘आज 130 करोड़ भारतीयों के सामने यह सवाल मुंह बाए खड़ा है कि- जिन लोगों ने डॉ. लोहिया तक से विश्वासघात किया, उनसे हम देश सेवा की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? जाहिर है, जिन लोगों ने डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल किया है, वे लोग हमेशा की तरह देशवासियों से भी छल करेंगे.’ मोदी ने लिखा कि ओडिशा के वरिष्ठ समाजवादी नेता सुरेंद्रनाथ द्विवेदी ने कहा था, 'डॉ. लोहिया अंग्रेजों के शासनकाल में जितनी बार जेल गए, उससे कहीं अधिक बार उन्हें कांग्रेस की सरकारों ने जेल भेजा.' उन्होंने कहा, ‘आज उसी कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं. यह विडंबना हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी है.’ मोदी ने लिखा कि डॉ. लोहिया वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे. आज वे यह देखकर जरूर हैरान-परेशान होते कि उनके ‘अनुयायी’ के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं. उन्होंने लिखा कि डॉ. लोहिया का मानना था कि जो व्यक्ति ‘समता’, ‘समानता’ और ‘समत्व भाव’ से कार्य करता है, वह योगी है. दुख की बात है कि स्वयं को लोहियावादी कहने वाली पार्टियों ने इस सिद्धांत को भुला दिया. उन्होंने कहा कि ये दल ‘सत्ता’, ‘स्वार्थ’ और ‘शोषण’ में विश्वास करती हैं. मोदी ने आरोप लगाया कि इन पार्टियों को जैसे-तैसे सत्ता हथियाने, जनता की धन-संपत्ति को लूटने और शोषण में महारत हासिल है. गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित समुदाय के लोगों के साथ ही महिलाएं इनके शासन में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, क्योंकि ये पार्टियां अपराधी और असामाजिक तत्त्वों को खुली छूट देने का काम करती हैं. उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी गरीबों, शोषितों, वंचितों को मदद की जरूरत पड़ती, वहां डॉ. लोहिया मौजूद होते थे. उन्होंने कृषि को आधुनिक बनाने और अन्नदाताओं के सशक्तिकरण को लेकर काफी कुछ लिखा. मोदी ने कहा कि उनके इन्हीं विचारों के अनुरूप एनडीए सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि सिंचाई योजना, ई..नाम और अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने डॉ. लोहिया के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. अगर आज वे होते तो एनडीए सरकार के कार्यों को देखकर निश्चित रूप से उन्हें गर्व की अनुभूति होती.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी की ओर से मथुरा से फिर से उम्मीदवार घोषित की गईं सांसद हेमामालिनी के पक्ष में जनता से वोट मांगने सोमवार को मथुरा आएंगे और यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे. बता दें कि बीजेपी ने हेमामालिनी को एक बार फिर मथुरा से लोकसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है. यहां 11 अप्रैल को मतदान होना है और नामांकन भरने की अंतिम तारीख 26 मार्च है. हेमामालिनी ने खुद भी हाईकमान से मथुरा की जनता की सेवा करने के लिए एक और मौका देने का आग्रह किया था जिसे पार्टी संसदीय बोर्ड ने स्वीकार कर लिया और पहली सूची में ही उनका नाम तय कर दिया गया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और जनसंपर्क प्रमुख योगेश गोस्वामी ने कहा, 'मुख्यमंत्री सोमवार को दोपहर में हेलीकॉप्टर से मथुरा पहुंचेंगे. वह हेमामालिनी का नामांकन भरवाने के बाद वृंदावन में बांकेबिहारी के दर्शन करेंगे और उसके बाद जनसभा को संबोधित करेंगे.' इस संबंध में जिला प्रशासन को भी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम मिल गया है, जिसकी पुष्टि सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. मनोज कुमार सिंह ने की है. दूसरी ओर, पार्टी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक दिन पहले 24 मार्च को आगरा और फतहपुर सीकरी के प्रत्याशियों प्रो. एसपी सिंह और राजकुमार चाहर के समर्थन में आगरा कॉलेज के मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करेंगे. बीजेपी ने इनमें दोनों ही सीटों पर अपने मौजूदा सांसदों के टिकट कई कारणों के चलते काटकर नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. उनके साथ रेलमंत्री पीयूष गोयल भी पहुंचेंगे. बीजेपी जिलाध्यक्ष नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमामालिनी के नामांकन अवसर पर मौजूद रहेंगे और उनके पक्ष में सेठ बीएन पोद्दार इण्टर कॉलेज के मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करेंगे.

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लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सातवीं लिस्ट जारी कर दी है. इसमें कुल 35 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. खास बात यह है कि नई सूची में यूपी में कांग्रेस के कद्दावर नेता राज बब्बर की सीट बदल दी गई है. न्यूज 18 की खबर के अनुसार अब वह मुरादाबाद की जगह फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ेंगे. वहीं इमरान प्रताप‍गढ़ी को मुरादाबाद से उतारा गया है. देर रात कांग्रेस की ओर से जारी इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ की 4, जम्मू-कश्मीर की 3, ओडिशा की 2, तमिलनाडु की 8, त्रिपुरा की 2, महाराष्ट्र की 5, तेलंगाना की एक, उत्तर प्रदेश की 9 और पुडुचेरी की एक सीट पर प्रत्याशियों का नाम जारी किया गया है. Congress party releases 7th list of 35 candidates. Renuka Chowdhury to contest from Khammam (Telangana), Imran Pratapgarhi to contest from UP's Moradabad (in place of Raj Babbar), Preeta Harit from UP's Agra, Raj Babbar from UP's Fatehpur Sikri. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/wLEnMHihSg — ANI (@ANI) March 22, 2019 Congress party releases list of 54 candidates for the elections to the legislative assembly of Odisha. Jayadev Jena to contest from Anandapur, Biplab Jena to contest from Angul. pic.twitter.com/lmQHHWkkxm — ANI (@ANI) March 22, 2019 कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी को तेलंगाना की खमम सीट से उम्मीदवार बनाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की ऊधमपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने ओडिशा विधानसभा चुनावों के लिए 54 उम्मीदवारों की सूची भी जारी की है. कांग्रेस के अलावा बीजेपी ने भी देर रात प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट जारी की. आंध्र प्रदेश की 23, महाराष्ट्र की 6, ओडिशा की 5, मेघालय की एक और असम की एक सीट पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं. पार्टी ने अपनी पहली सूची में 184 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी तो वहीं, दूसरी सूची में सिर्फ एक नाम शामिल था. इस तरह अब तक कुल 220 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है.

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पाकिस्तान में 23 मार्च को नेशनल डे मनाया जाता है और उससे एक दिन पहले यानी बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने दावा किया है कि भारत के पीएम मोदी ने उन्हें इसके लिए बधाई दी है. न्यूज 18 की खबर के मुताबिक इमरान खान ने दावा किया है- पाकिस्तान नेशनल डे पर मोदी का मैसेज मिला, उन्होंने लिखा- मैं पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर पाकिस्तान को शुभकामनाएं देता हूं. ये समय है कि उप-महाद्वीप के लोग आतंक और भयमुक्त होकर साथ में मिलकर लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, प्रगति के लिए काम करें. आपको बता दें कि भारत सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान नेशनल डे समारोह में किसी भी आधिकारिक प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला किया है. भारत 23 मार्च को आयोजित होने वाले पाकिस्तान नेशनल डे का बहिष्कार कर रहा है. वहीं पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है जिस वजह से भारत ने इसका बहिष्कार किया है. दरअसल 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंध खराब हुए हैं. इस हमले में सीआरफीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक किया था.

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भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी है. शनिवार रात जारी की गई इस लिस्ट में 36 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. इस सूची में पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा को ओडिशा के पुरी से टिकट दिया गया है. बता दें कि बीजेपी इससे पहले लोकसभा चुनाव के लिए दो और सूची जारी कर चुकी है. बीजेपी के अलावा कांग्रेस ने भी देर रात अपने उम्मीदवारों की 7वीं लिस्ट जारी की है. न्यूज 18 की खबर के अनुसार बीजेपी ने देर रात अपने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की है. इसमें आंध्र प्रदेश की 23, महाराष्ट्र की 6, ओडिशा की 5, मेघालय की एक और असम की एक सीट पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं. BJP releases list of 36 candidates from Andhra Pradesh, Assam, Maharashtra, Odisha. Girish Bapat to contest from Pune (Maharashtra), Sambit Patra to contest from Puri (Odisha). #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/Ft3C3cl1cX — ANI (@ANI) March 22, 2019 पार्टी ने अपनी पहली सूची में 184 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी तो वहीं दूसरी सूची में सिर्फ एक नाम शामिल था. इस तरह अब तक कुल 220 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है. लोकसभा चुनावों के अलावा बीजेपी ने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 51 उम्मीदवारों, ओडिशा विधानसभा चुनाव के लिए 22 उम्मीदवारों और मेघालय के सेलसेला विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए एक उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया है. वहीं, बीजेपी शनिवार को उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर सकती है. इसमें झारखंड, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा, गोवा और मध्यप्रदेश के करीब 50 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो सकता है. BJP releases list of 51 candidates for elections to the legislative assembly of Andhra Pradesh, 22 candidates for Odisha and 1 candidate for by-election in Selsella (Meghalaya). pic.twitter.com/jtXFqFlQ3h — ANI (@ANI) March 22, 2019 इसके अलावा बिहार में एनडीए अपने 40 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर सकती है. पटना साहिब सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को टिकट मिल सकता है. बीजेपी की पहली लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम शामिल था. मोदी इस बार भी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे जबकि अमित शाह बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी की गांधीनगर सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे. इसके अलावा पार्टी ने केंद्रीय मंत्री वी के सिंह को गाजियाबाद, डॉ. महेश शर्मा को नोएडा से और स्मृति ईरानी को अमेठी से चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह को लखनऊ सीट से टिकट दिया गया है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर से चुनाव लड़ेंगे.

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बिहार में पहले दो चरण के लिए महागठबंधन के बीच सीट शेयरिंग की घोषणा कर दी गई है. इसके तहत आरजेडी 20, कांग्रेस 9, रालोसपा 5, हम 3, वीआईपी 3, राजद के कोटे से भाकपा माले एक सीट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वहीं पहले चरण की चार सीटों पर उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी गई है. इसके तहत पहले फेज की गया और औरंगाबाद की सीट हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के खाते में गई है. जबकि जमुई सीट आरएलएसपी और नवादा आरजेडी के खाते में. पटना के मौर्य होटल में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले चरण के उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी गई है. इसमें गया से हम के जीतन राम मांझी, नवादा से राजद से विभा देवी, जमुई से रालोसपा के भूदेव चौधरी, औरंगाबाद से हम के उपेन्द्र प्रसाद उम्मीदवार होंगे. वहीं नवादा से विधानसभा सीट पर हम के धीरेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ मुन्ना और डेहरी से राजद के मोहम्मद फिरोज उम्मीदवार होंगे. बता दें कि इससे पहले आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने जानकारी दी की शरद यादव आरजेडी के सिंबल पर मधेपुरा से उम्मीदवार होंगे. बाद में उनकी पार्टी का विलय आरजेडी में कर लिया जाएगा. हालांकि प्रेस कान्फ्रेंस से मांझी, कुशवाहा और मुकेश सहनी मौजूद नहीं थे. ये सभी नेता प्रेस कान्फ्रेंस होने के दौरान राबड़ी आवास में ही मौजूद रहे. ( न्यूज़ 18 से साभार.)

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